निर्भया के अपराधियों को फांसी की मांग से लेकर वैवाहिक बलात्कार तक, कई बार बढ़ती बहस के बीच कोई अचानक बोल पड़ता है, ‘नॉट ऑल मैन’, यानी सब पुरुष ऐसे नहीं होते। इस बहस को रोकने वाला, मोड़ने वाला कौन था? आपका सहकर्मी, परिवार का कोई सदस्य या फिर आपका पार्टनर। तो सुनिए क्यों स्त्री अधिकार की राह में घातक हैं पुरुषों की ये भावनात्मक आपत्तियां। हेल्थ शॉट्स पॉडकास्ट ‘कड़क चाय’ के इस एपिसोड में सुजाता के साथ।